Monday, December 20, 2010

जान बाकि है ...

दुआ  देने  वाले   का  फरमान  बाकि  है ...
उनकी  वफ़ा  का  इम्तहान  बाकि  है ...
मेरी  मौत  पर  भी  उनकी  आँखों  में  आंसू  नहीं ..
उन्हें  शक  है  की  मुझमे  अभी  जान  बाकि  है ...

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