Thursday, December 30, 2010

झुकी नज़र

आज  फिर  उनकी  बात  निकली .
यादो  के  सफ़र  से  जैसे  कोई  बारात  निकली .
मै  आज  भी  उसके  इन्तजार  में  खड़ा था उसी  मोड़  पर
जहा  से  आज  वो  उसके  हमसफ़र  के  साथ  निकली .
उसने  किया  है  गुनाह  दिल  मेरे  तोड़  कर .
शायद  वो  जानती  है ...
इसीलिए  आज  वो  झुकी  नज़र  के  साथ  निकली .


Dr. Saab

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