Monday, June 27, 2011

Chanakya Niti -1

कार्येषु मंत्री करणेषु दासी रुपेषु लक्ष्मिः क्षमया धरित्री ।
स्नेहेषु माता शयनेषु वेश्या षटकर्मनारी कुल धर्म पत्नी ।।
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An ideal wife will have these six virtues –
she will be like a counselor in dealing with
various situations, like a maid servant in
serving her husband, like Goddess Lakshmi
in beauty, like the earth in patience, like a
mother in giving love and be like a courtesan
in bedroom.
-Chanakya

Thursday, June 23, 2011

भूख

भूख कल थी,
भूख है अब,
भूख तो कल भी रहेगी.....
कैसा वह दिन,
अजब होगा सोचिए,
भूख न जिस दिन रहेगी....।
मोह, लिप्सा व क्षुधा,
काम, प्रेम, आसक्ति के
कितने ही अवतरण लेकर...।
भूख ही पलती रही
घृणा, ईर्ष्या, द्वेष और
लोभ के आवरण लेकर....।
देवासुर संग्राम क्या था?
राम का बनवास क्या था?
सीता-हरण, लंका विजय के
गर्भ में संत्रास क्या था?
यह चिरंतन सत्य है
प्रगति और खोज का आधार है...।
भूतली पर, भूगर्भ और आकाश में,
ऊर्जा के स्रोत और प्रकाश में,
झलकता बस भूख का संसार है...।
भूख न होती तो आदि पुरूष
अग्नि, चक्र को, क्या खोज पाता?
भूख के कारण ही कान्हा,
नाचता, मुरली बजाता...।
भूख के कारण ही भक्ति,
भूख के कारण ही भय है,
भूख ही देती है शक्ति,
भूख ही देती विजय है।
भूख बिन सब ज्ञान कैसा?
तपस्या और ध्यान कैसा?
धर्म कैसा, कर्म कैसा,
भूख बिन विज्ञान कैसा?
भूख कल थी,
भूख है अब,
भूख तो कल भी रहेगी.....
कैसा वह दिन,
अजब होगा सोचिए,
भूख न जिस दिन रहेगी....।