Thursday, December 30, 2010

ना जाने अब वो कैसी होगी ..

काफी  अरसा  बीत  गया ,
ना  जाने  वो  कैसी   होगी .
वक़्त  की  सारी  कडवी  बातें
चुप  चुप  के  वो  सहती  होगी .
अब  भी  भीगी  बारिश  में  वो
बिन  छतरी  के  चलती  होगी .
मुझसे  बिछड़े  अरसा  हो  गया .
अब  वो  किससे  लडती  होगी .
अच्छा  था  जो  साथ  में  थे ..
बाद  में  उसने  सोचा  होगा .
अपने  दिल  की  सारी  बातें ,
खुद ही  खुद  से  करती  होगी ..
आंखे  नाम  भी  होती  होगी .
याद   वो  जब  भी  करती  होगी .
काफी  अरसा  बीत  गया..
 ना  जाने  अब  वो  कैसी होगी ..



Dr. Chirayu Mishra

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