Tuesday, December 14, 2010

तन्हाई थी....

मेरे इश्क में सच्चाई थी..
आसमा झुक जाये इतनी गहराई थी....
फिर भी खुदा को मंजूर न हुआ इश्क मेरा...
क्यूंकि नसीब में लिखी तन्हाई थी....

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