Chetan Bhandari
This blog Belongs to Dr. Chetan Bhandari (INDORE WALE)
Wednesday, April 14, 2010
लूट लिया जिसने दिल को --gazal by shyam skha
यूँ तो वो चितचोर न था
दिल पे मेरा ही जोर न था
लूट लिया जिसने दिल को
वो मामूली चोर न था
अँखियाँ बरसीं, मन भीगा
नाचा मन का मोर न था
दिल का शीशा टूट गया
और कहीं कुछ शोर न था
दुख को देखा दूर तलक
दुख का कोई छोर न था
भरी दुपहरी सूरज गुम
बादल भी घनघोर न था
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