Wednesday, April 14, 2010

दर्द की फ़स्ल का....

यूं भला कब तक  मेरा इम्तिहान लोगे तुम
इस तरह तो एक दिन मेरी जान लोगे तुम


हाँ  खड़ी इक फ़स्ल गम की है मेरे इस  दिल में
दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम

एक पैसा दे के मैने दुआ थी मांगी जब
कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?

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