Friday, November 12, 2010

Dr. Chirayu Mishra

हकीकत के रूप में ख्वाब बनता गया.
धीरे धीरे वो चेहरा किताब बनता गया.
उसने कहा मुझे पानी अच्छा लगता है.
और मेरी आँखों का हर आंसू तालाब बनता गया.

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