Chetan Bhandari
This blog Belongs to Dr. Chetan Bhandari (INDORE WALE)
Thursday, February 18, 2010
है जान तो जहान है
है जान तो जहान है
फिर काहे का गुमान है
क्या कर्बला के बाद भी
एक और इम्तिहान है
इतरा रहे हैं आप यूँ
क्या वक्त मेहरबान है
हैं लूट राहबर रहे
जनता क्यों बेजुबान है
है श्याम बेवफ़ा नहीं
इतना तो इत्मिनान है
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