जो तेरे दर पे हम नहीं आते
तो खुशी ले के गम नहीं आते
बात कुछ तो है तेरी आँखों में
मयकदे वरना कम नहीं आते
कोई बच्चा कहीं कटा होगा
गोश्त यूँ ही नरम नहीं आते
होगा इंसान सा कभी नेता
मुझको ऐसे भरम नहीं आते
आग दिल में नहीं लगी होती
अश्क इतने गरम नहीं आते
कोइ कहीं भूखा सो गया होगा
यूँ ही जलसों में रम नहीं आते
प्रेम में गर यकीं हमें होता
इस जहाँ में धरम नहीं आते
कोइ अपना ही बेवफ़ा होगा
यूँ ही आँगन में बम नहीं आते
तो खुशी ले के गम नहीं आते
बात कुछ तो है तेरी आँखों में
मयकदे वरना कम नहीं आते
कोई बच्चा कहीं कटा होगा
गोश्त यूँ ही नरम नहीं आते
होगा इंसान सा कभी नेता
मुझको ऐसे भरम नहीं आते
आग दिल में नहीं लगी होती
अश्क इतने गरम नहीं आते
कोइ कहीं भूखा सो गया होगा
यूँ ही जलसों में रम नहीं आते
प्रेम में गर यकीं हमें होता
इस जहाँ में धरम नहीं आते
कोइ अपना ही बेवफ़ा होगा
यूँ ही आँगन में बम नहीं आते