Saturday, June 4, 2016

गायत्री मंत्र कब कब और कितनी बार जपें... एवं गायत्री मन्त्र का अर्थ

गायत्री मंत्र कब  ज़रूरी है
☀सुबह उठते वक़्त 8 बार ❕✋✌👆❕अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!

🍚🍜 भोजन के समय 1 बार❕👆❕ अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए  !!                         

🚶 बाहर जाते समय 3 बार ❕✌👆❕समृद्धि सफलता और सिद्धि के लिए    !!  

👏 मन्दिर में 12 बार ❕👐✌❕
प्रभु के गुणों को याद करने के लिए !!      

😢छींक आए तब गायत्री मंत्र  उच्चारण ☝1 बार  अमंगल दूर करने के लिए !!
                                        
सोते समय 🌙 7 बार  ❕✋✌ ❕सात प्रकार के भय दूर करने के लिए !!                                 

कृपया सभी को प्रेषित
करें 👏👏
!!!ॐ ,
ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।

"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,

"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना
अर्थात् विकास,

"म" का मतलब है मौन हो जाना
अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।

ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति
और पूरी सृष्टि का द्योतक है।

ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ
प्रदान करता है।

जानीए
ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक
और
अपनाएं आरोग्य के लिए
ॐ के उच्चारण का मार्ग...

1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्‍चारण करने से गले
में कंपन पैदा होती है जो
थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक
प्रभाव डालता है।

2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या
अधीरता होती है तो ॐ के
उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को
दूर करता है, अर्थात तनाव
के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों
पर नियंत्रण करता है।

4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह
को संतुलित रखता है।

5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन
शक्ति तेज़ होती है।

6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से
युवावस्था वाली स्फूर्ति का
संचार होता है।

7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए
इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे
कुछ ही समय में दूर हो जाती
है। रात को सोते समय नींद
आने तक मन में इसको करने
से निश्चिंत नींद आएगी।

9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ
इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती
आती है।

10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण
करने से कंपन पैदा होती है।
इन कंपन से रीढ़ की हड्डी
प्रभावित होती है और इसकी
क्षमता बढ़ जाती है।

11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से
पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।   

🕉🕉🕉omkar. 🙏

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